story
June 20, 2018
खली डिब्बे में ईस्वर hindi story
खली डिब्बे में ईस्वर
बाल कहानी
एक महात्मा घूमते-फिरते एक
दुकान पर आये, दुकान में अनेक छोटे-बड़े डिब्बे थे, महात्मा के मन में जिज्ञासा
उत्पन्न हुई, एक डिब्बे की और इशारा करते हुए महात्मा ने दुकानदार से पूछा, इसमे
क्या है ?
दुकानदार ने कहा-इसमे नमक
है |
महात्मा ने फिर पूछा, इसके
पास वाले में क्या है ?
दुकानदार ने कहा, इसमें
हल्दी है |
isawar |
इसी प्रकार महात्मा पूछते
गए और दुकानदार बतलाता रहा, अंत में पीछे रखे डिब्बे का नंबर आया, महात्मा ने पूछा
उस अंतिम डिब्बे में क्या है ?
दुकानदार बोला, उसमे ईस्वर
है |
महात्मा ने हैरान होते हुये
पूछा ईस्वर ? भला यह ईस्वर किस वस्तु का नाम है भाई ??
मैंने तो इस नाम के किसी
समान के बारे में कभी नही सुना |
दुकानदार गुरूजी के भोलेपन
पर हंस कर बोले – महात्मा ! और डिब्बो में तो भिन्न-भिन्न वस्तुएं हैं, पर यह
डिब्बा खली है, हम खाली को खली नही कहकर ईस्वर कहते हैं !
महात्मा की आँखे खुली की
खुली रह गई ! जिस बात के लिये मैं दर-दर भटक रहा था, वो बात मुझे आज एक व्यपारी से
समझ आ रही है | वो महात्मा उस छोटे से किराने के दुकानदार के चरणों में गिर पड़ा,
ओह, तो खाली में ईस्वर रहता
है ! सत्य है भाई भरे हुए मैं इस्वर को स्थान कहाँ ?