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Friday, 27 April 2018

काली बिल्ली हिंदी कहानी 2018


काली बिल्ली
बाल कहानी
सूरजपुर गांव में एक कुम्हार परिवार रहता था | इस परिवार का मुखिया दिनु, अपनी पत्नी गुलाबो के साथ मिट्टी के बर्तन बनाकर अपने परिवार का गुजरा करता था | उनका एक बेटा सतीश भी था जो की लगभग चार साल का था | वह बिलकुल भोला तथा सीध साध था | वह अपने घर के आंगन में लगे अमरुद के पेड़ के निचे खेलता रहता | कभी उस पेड़ पर चड जाता और कच्चे अमरुद तोड़कर आधे खाता और फेंक देता | उसने देखा की उनके घर में एक काली बिल्ली आती है, कुछ देर घर के एक कच्चे कमरे में जाती है और फिर लोटकर वापिस चली जाती है | उसने इस बिल्ली के बारे में अपनी माँ को भी बताया | उसकी माँ ने उस काली बिल्ली से दूर ही रहने को कहा |
is story me ek black cat rahti hai wo bahut imandar cat thi
Black cat
कुछ समय के बाद उसको एक भाई पैदा हुआ | उसकी माँ उसको दूध पिलाकर तथा उसकी देखभाल की जिम्मेदारी सतीश पर सोंपकर अपने पति, दिनु के साथ मिट्टी के बर्तन बनाने के लिए बहार चली जाती |
इस बिच उनके घर बिल्ली भी आती | सतीश और बिल्ली खूब खेलते | इस बिच सतीश का छोटा भाई कभी खटिया पर सोया रहता तो कभी जाग जाता और सतीश उसके साथ बातें करता |
सतीश के लिए कालि बिल्ली और उसका छोटा भाई खिलौनों की तरह हो गये | एक दिन सतिश का छोटा भाई खटिया पर सो रहा था और सतीश कालि बिल्ली के साथ खेल रहा था | इतने में घर के बाहर कोई शोर हुआ और सतीश यह जानने के लिए की क्या माजरा है, बाहर आ गया |
उसने देखा की पडोस के दो आदमी लड़ रहे है और कुछ लोग उन्हें छुडवाने के लिए बिच-बचाव कर रहे हैं | इस बिच सतीश के माता-पिता घर वापिस आ गये | उन्हें वहां सतीश दिखाई नही दिया | उन्होंने देखा की बिल्ली का मुंह और पंजे खून से लथपथ हो रहे हैं | उन्होंने सोचा हो न हो यह कालि बिल्ली उनके बेटे को ही खा गई है | इसी से क्रोधित होकर उन्होंने ईंट मार-मार कर उस कालि बिल्ली को जान से मार दिया | लेकिन जब घर के अन्दर जाकर देखा तो उन्हें उनका बेटा छोटी खटिया पर सोता हुआ टीक टाक मिला | हाँ, खटिया के पास ही एक काला सांप टुकड़े-टुकड़े हुआ मरा हुआ मिला | तब जाकर उन्हें बात समझ में आयी की यह सांप उनके छोटे बेटे को डसने के लिए आया होगा और काली बिल्ली ने उसे मार दिया | इतने में सतीश भी घर के अन्दर आ गया | उसके माँ-बाप ने उसे सारी बात बतायी |
सतीश तथा उसके माँ-बाप को जहाँ अपने छोटे बेटे के बच जाने की ख़ुशी थी | वहां सतीश को परिवार की वफादार काली बिल्ली के मरने का अफ़सोस भी था |

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